बच्चें हो रहे है मोबाइल के लत के शिकार - प्रेम कुमार
बच्चें हो रहे है मोबाइल के लत के शिकार - प्रेम कुमार
यूथ एजेंडा की रिपोर्ट
पटना- प्रेम यूथ फाउंडेशन के संस्थापक गांधीवादी प्रेम जी ने चिंता व्यक्त करते हुये कहा कि बच्चें हो रहे मोबाइल के लत के शिकार भला चाहते है तो बच्चों के पहुँच से दूर रखें मोबाइल । मोबाइल के अत्यधिक प्रयोग से अनिंद्रा, यादाश्त खोना, आँख की रोशनी कम होना, ब्रेन ट्यूमर जैसे घातक बीमाड़ी के शिकार हो रहे है बच्चे । मोबाइल के गेम से बच्चों में मोटापा बढ़ रहा है तथा हिंसक होने का संभावना काफी बढ़ गया है । आने बाला कल मोबाइल जनित रोगों का होगा । मोबाइल फोन के अत्यधिक उपयोग से बच्चों पर कई बुरे प्रभाव पड़ सकते हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख प्रभाव निम्नलिखित हैं:
1. *शारीरिक स्वास्थ्य पर प्रभाव*: मोबाइल फोन के अत्यधिक उपयोग से बच्चों की आंखों पर जोर पड़ सकता है, जिससे दृष्टि संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा, मोबाइल फोन के उपयोग से बच्चों की शारीरिक गतिविधि कम हो सकती है, जिससे मोटापा और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
2. *मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव*: मोबाइल फोन के अत्यधिक उपयोग से बच्चों में तनाव, चिंता और अवसाद जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा, मोबाइल फोन के उपयोग से बच्चों की नींद पर भी प्रभाव पड़ सकता है।
3. *सामाजिक कौशल पर प्रभाव*: मोबाइल फोन के अत्यधिक उपयोग से बच्चों के सामाजिक कौशल पर प्रभाव पड़ सकता है, जैसे कि संवाद करने की क्षमता, सहयोग और सहानुभूति।
4. *शिक्षा पर प्रभाव*: मोबाइल फोन के अत्यधिक उपयोग से बच्चों की शिक्षा पर प्रभाव पड़ सकता है, जैसे कि ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई और शैक्षिक प्रदर्शन में गिरावट।
5. *साइबर बुलिंग और ऑनलाइन सुरक्षा*: मोबाइल फोन के उपयोग से बच्चे साइबर बुलिंग और ऑनलाइन सुरक्षा के खतरों का सामना कर सकते हैं।
इन प्रभावों से बचने के लिए, माता-पिता और शिक्षकों को बच्चों के मोबाइल फोन उपयोग पर निगरानी रखनी चाहिए और उन्हें स्वस्थ और सुरक्षित तरीके से मोबाइल फोन का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।
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