लापरवाही बरतने बाले कर्मी पर गिरा गाज
लापरवाही बरतने बाले कर्मी पर गिरा गाज
यूथ एजेंडा की रिपोर्ट
पटना, शनिवार, दिनांक 27 अप्रैल, 2024ः जिलाधिकारी, पटना श्री शीर्षत कपिल अशोक द्वारा आईसीडीएस, पटना जिला की दो महिला पर्यवेक्षिकाओं, एक आँगनबाड़ी सेविका तथा एक प्रधान लिपिक के विरूद्ध कार्रवाई की गई है। सेविका की चयन मुक्ति तथा आठ साल के स्थानांतरित किराए की वसूली, दो महिला पर्यवेक्षिकाओं तथा एक प्रधान लिपिक के विरूद्ध सख्त चेतावनी के साथ तीन माह के मानदेय की कटौती का आदेश दिया गया है।
ज़िलाधिकारी द्वारा यह कार्रवाई इन कर्मियों द्वारा घोर लापरवाही एवं वित्तीय अनियमितता के आरोपों के कारण की गई है। विदित हो कि इन आरोपों की जाँच गठित टीम द्वारा की गई थी। जाँच में आरोपों को प्रमाणित पाया गया था तथा जाँच दल द्वारा आरोपित कर्मियों के विरूद्ध यथोचित कार्रवाई करने की अनुशंसा की गई थी।
विषयांकित मामला बाल विकास परियोजना कार्यालय, पटना सदर-1 के अंतर्गत आँगनबाड़ी केन्द्र संख्या-67 से संबंधित है। उक्त केन्द्र की सेविका द्वारा मकान मालिक के नाम से अभिश्रव नहीं तैयार कर फर्जी व्यक्ति के नाम से तैयार किया गया था और खाते में किराये की राशि स्थानांतरित कर दी गई थी। सेविका के द्वारा बाल विकास परियोजना कार्यालय को अंधेरे में रखकर गुमराह करते हुए दूसरे व्यक्ति को मकान किराया का भुगतान करवाया गया था।
आरोपों की समीक्षा में पाया गया कि तत्कालीन संबंधित महिला पर्यवेक्षिका द्वारा एकरारनामा को सत्यापित नहीं किया जाना और गलत अभिश्रव प्रस्तुत करना घोर लापरवाही एवं वित्तीय अनियमितता का द्योतक है। साथ ही कार्यालय में पूर्व से संधारित एकरारनामा एवं प्राप्त अभिश्रव का मिलान तत्कालीन प्रधान लिपिक द्वारा नहीं किया जाना कार्य में लापरवाही और वित्तीय अनियमितता को दर्शाता है।
बाल विकास परियोजना कार्यालय, पटना सदर-1 की आँगनबाड़ी सेविका केन्द्र संख्या-67 के संबंध में प्राप्त आरोपों की जाँच कराने हेतु सचिव, समाज कल्याण विभाग के द्वारा आई.सी.डी.एस. निदेशालय की गठित जाँच दल के द्वारा कराई गई थी। जाँच दल के पदाधिकारियों द्वारा उपलब्ध कराए गए विस्तृत जाँच प्रतिवेदन के आलोक में संबंधित आँगनबाड़ी सेविका, संबंधित महिला पर्यवेक्षिका एवं प्रधान लिपिक पर नियमानुसार कठोर यथोचित कार्रवाई करने की अनुशंसा की गई थी।
उपर्युक्त आरोपों के संबंध में आँगनबाड़ी केन्द्र संख्या-67 की संबंधित सेविका, तत्कालीन महिला पर्यवेक्षिकाओं एवं तत्कालीन प्रधान लिपिक से स्पष्टीकरण की माँग की गई थी। उपर्युक्त सेविका एवं कर्मियों पर जाँच प्रतिवेदन में लगाए गए आरोपों एवं उनसे प्राप्त स्पष्टीकरण की समीक्षा की गई। समीक्षोपरान्त स्पष्टीकरण संतोषजनक नहीं पाया गया।
इस आलोक में जिलाधिकारी द्वारा उपर्युक्त सेविका एवं कर्मियों के विरूद्ध निम्नलिखित दंड निरूपित किया गया हैः-
1. आरोपित आँगनबाड़ी सेविका, केन्द्र संख्या-67 को तत्काल प्रभाव से चयनमुक्त किया गया है। साथ ही उनसे वर्ष 2015 से 2022 तक की गई किराये की राशि की वसूली करने का आदेश दिया गया है।
2. तत्कालीन महिला पर्यवेक्षिका, पटना सदर-1 संप्रति बाल विकास परियोजना कार्यालय, बिहटा को सख्त चेतावनी देते हुए तीन माह के मानदेय की कटौती की गई है।
3. तत्कालीन महिला पर्यवेक्षिका, पटना सदर-1 संप्रति बाल विकास परियोजना कार्यालय, दानापुर को सख्त चेतावनी देते हुए तीन माह के मानदेय की कटौती की गई है।
4. तत्कालीन सांख्यिकी सहायक, (संविदा) पटना सदर-1 संप्रति बाल विकास परियोजना कार्यालय, बिहटा को सख्त चेतावनी देते हुए तीन माह के मानदेय की कटौती की गई है।
जिलाधिकारी ने कहा कि आधिकारिक दायित्वों के निर्वहन में किसी भी प्रकार की शिथिलता, लापरवाही या अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी
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