बगैर मुहूर्त और बिना तैयारी के गांव वालों ने पूरे रस्मों रिवाज के साथ प्रेमी युगल का कराया विवाह
*बगैर मुहूर्त और बिना तैयारी के गांव वालों ने पूरे रस्मों रिवाज के साथ प्रेमी युगल का कराया विवाह
यूथ एजेंडा की रिपोर्ट
इस महीने होने वाले शादी विवाह का शुभ मुहूर्त समाप्त हो गया है। लेकिन इस शुभ मुहूर्त के समाप्त होने के पहले एक गांव के लोगों ने एक बालिग जोड़ी का विवाह अपने हाथो संपन्न करा दिया। ये मामला खुसरुपुर थाना के नयाटोला खिरोधरपुर गांव से जुड़ा है। इस विवाह के लिए पहले से ना तो मुहूर्त तय था और ना ही कोई तैयारी। फिर भी गांव वालों ने अचानक एक बालिग कपल की शादी पूरे रस्म ओ रिवाज के साथ पूरी करा दी। इस शादी में वो सब कुछ हुआ जो एक तयशुदा शादी में होता है। बात आपको थोड़ा अटपटा लगेगा, लेकिन है ये हकीकत। हकीकत इस मायने में, क्योंकि इस शादी में हल्दी मंडप कन्यादान सिंदूरदान और महिलाओं के द्वारा शादी में गए जाने वाले गीत जैसा हर चीज था। इस विवाह में सभी मुख्य विधि विधान को पंडित के हाथों संपन्न भी कराया गया। इस विवाह में अगर कुछ नही था तो वो है बाराती। बाराती भले ही नही थे लेकिन कन्या पक्ष के लोग मौजूद थे और गांव वालों ने ही वर पक्ष के किरदार को भी निभाया।
आखिर ये अनोखा विवाह कैसे हुआ, किस परिस्थिति में हुआ और क्यों हुआ, चलिए आपको बताते हैं। दरअसल एक बाइक पर सवार लड़का और लड़की बैकठपुर से फतुहा की ओर आ रहे थे। बाइक सवार लड़का लड़की जब नयाटोला गांव को क्रॉस कर रहे थे, तब गांव के कुछ युवकों की नजर लड़की पर पड़ी जिसे युवकों ने पहचान लिया। लड़की नयाटोला गांव की ही रहने वाली थी। गांव के युवकों ने लड़का लड़की को पकड़कर दोनो से पूछ ताछ किया तब लड़के ने सिर्फ लिफ्ट देने की बात कही। लेकिन जब लड़के का मोबाइल चेक किया गया तब दोनो का अंतरंग फोटो मोबाइल में दिख गया। कड़ी पूछ ताछ के बाद दोनो ने पिछले तीन साल से एक दूसरे के संपर्क में होने की बात स्वीकार कर ली। फिर क्या था दोनो लड़का लड़की को साथ लेकर गांव वाले पहुंच गए पप्पू मुखिया के पास। गांव वालों ने पप्पू मुखिया को ना सिर्फ पूरी दास्तान सुनाई वल्कि दोनो की शादी करने का फैसला भी सुना दिया। गांव वालों ने फौरन दोनो की शादी कराने का आग्रह पप्पू मुखिया से किया। पप्पू मुखिया ने लड़का लड़की की रजामंदी को देखते हुए गांव वालों की बात मान ली और इस शादी को मुकाम तक पहुंचने की तैयारी शुरू हो गई।
कन्या पक्ष को बुलाने के साथ ही गांव की महिलाओं ने शादी की रस्म को शुरू कर दिया। सबसे पहले लड़का लड़की से हल्दी की रस्म को पूरा कराया। गांव की महिलाओं ने लड़का और लड़की को हल्दी लगाया। फिर शुरू हुआ मड़वा के रस्म को पूरा करने का काम। गांव के युवकों ने बांस की टहनी लाकर मंडप तैयार किया और बकायदा पांच शादीशुदा लोगों ने मड़वा के रस्म को पूरा किया, जैसा कि सामान्य शादी में होता है। नयाटोला के देवीस्थान मंदिर के अंदर बनाए गए मड़वा में लड़का लड़की की मौजूदगी में पंडित का मंत्रोचार शुरू हो गया और इसके साथ ही शादी के विधान को भी पूरा कराने का काम आगे बढ़ गया। मड़वा में लड़का लड़की के ऊपर हल्दी चढ़ाने का भी एक रस्म होता है, जिसे पांच शादीशुदा लोग पूरा करते हैं। गांव के पांच लोगों ने हल्दी चढ़ाने का काम पूरा किया। इस रस्म की अदायगी खुद पप्पू मुखिया ने भी किया। हल्दी चढ़ाने के बाद कई महिलाओं ने मिलकर लड़का को स्नान भी कराया। नहाने के बाद लड़के को नए कपड़े और मौड़ी भी पहनाए गए। इधर लड़की भी सजधज कर लाल जोड़े में तैयार हो गई। फिर शादी के खास रस्मों को पूरा करने के लिए पंडित ने मंत्रोचार के साथ ही विधि विधान को आगे बढ़ाया और महिलाएं शादी गीत गाती रही। धीरे धीरे रस्मों की रफ्तार कन्यादान और सिंदूरदान तक पहुंचा गया। दूल्हे ने दुल्हन की मांग को सिंदूर से भर दिया। इतना ही नहीं मांग में सिंदूर डालने के पहले लड़का ने कुछ फरमाइस भी किया, जैसा कि हर शादी में होता है। गांव वालों ने लड़का के फरमाइश को पर करने का वचन दिया, जिसके बाद दूल्हे ने दुल्हन की मांग को सिंदूर से भर दिया। जयमाला के रस्म को भी गांव वालों ने दूल्हा दुल्हन के हाथों पूरा करवा दिया। कुल मिलाकर शादी तो शॉर्टकट में होना था। बावजूद इसके पंडित और गांव की महिलाओं ने उन सारे रस्मों को पूरा किया, जो एक शादी में होता है। इस शादी को अनोखा विवाह भी कह सकते हैं, क्यूंकि इस शादी के लिए ना तो कोई प्लानिंग था और ना हिकोई मुहूर्त तय था। इस अनोखे विवाह के दूल्हे का नाम शशि कुमार है जो फतुहा के डुमरी गांव का निवासी है और गुजरात में रहकर पेपर मिल में काम करता है, जबकि दुलहन नयाटोला गांव की ही रहने वाली है। दुल्हन का नाम खुशबू कुमारी है। दोनो बालिग हैं और पिछले तीन साल से एक दूसरे को पसंद करते हैं। खुशबू को सुनिए, क्या कहना है अपनी शादी को लेकर...
खुशबू इस शादी से खुश है और ये उम्मीद भी है खुशबू को कि ये शादीशुदा रिश्ता खुशहाल गुजरेगा। गांव वालों ने भी दोनो के खुशहाल और सुखमय जिंदगी की कामना की है।
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