सड़ी व्यवस्था के कारण तड़प तड़प कर मर गया पत्रकार


सड़ी व्यवस्था के कारण तड़प तड़प कर मर गया पत्रकार            

*बिहार प्रेस मेन्स यूनियन ( आई एफ डब्ल्यू जे) ने मध्यप्रदेश सरकार से आयुक्त पर कार्रवाई ओर पत्रकार को मुआबजा देने की मांग की*


रिपोर्ट अनमोल कुमार


   भोपाल।           जनसम्पर्क के मुखिया संदीप यादव आयुक्त के अमानवीय रवैये ने एक युवा पत्रकार को मौत के मुंह में झोंका,,,,

आज कल जनसम्पर्क संचालनालय में दो आई ए एस अधिकारियों के अड़ियल रवैये के कारण सम्पूर्ण पत्रकार जगत खासकर छोटे समाचार पत्रों के पत्रकार परेशान  हैं।

आयुक्त महोदय को तो श्रमजीवी पत्रकार की परिभाषा ही नहीं मालूम और ना ही उन्होंने कभी वर्किंग जर्नलिस्ट एक्ट का नाम ही सुना? संचालक महोदय दोनों हाथ ऊंचे कर एक रटाए रटाया स्लोगन सुना देते हैं,कि मुझे कोई पावर ही नहीं है?? सारे अधिकार आयुक्त ने स्वयं ले रखे हैं।

यहां हम एक ऐसी घटना का उल्लेख करने जा रहे हैं जो जनसम्पर्क के आयुक्त व संचालक के अमानवीय चेहरे को बेनकाब कर रहा है।

आशुतोष कुमार जो फिजियो संदेश नामक पत्रिका का प्रकाशन करते थे,उन्हें दुर्भाग्य से लीवर कैंसर की बीमारी हो गई।उनका लगभग 6 माह से दिल्ली के ओटिस अस्पताल में उपचार चला,करीब तीन-साढे तीन लाख रुपये खर्च हो गये।आगे पैसे की ब्यवस्था ना हो पाने से वे भोपाल आ गये।जनसम्पर्क विभाग से पत्रकारों के उपचार के लिये गंभीर बीमारी में एक लाख रुपये एव॔ साधारण बीमारी में 40 हजार रुपये की सहायता दिये जाने का प्रावधान है,

बिहार प्रेस मेन्स यूनियन ( संबद्ध - आई एफ डब्ल्यू जे) के प्रदेश अध्यक्ष, अनमोल कुमार ने मध्यप्रदेश सरकार से आयुक्त पर कानूनी कार्रवाई करने और मृत पत्रकार को मुआबजा देने की मांग की है।

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