सरकारी अस्पताल में लापरवाही : मरीज को दी गई एक्सपायरी दवा मरीज ने सोशल मीडिया पर मचाया बवाल* यूथ एजेंडा
*सरकारी अस्पताल में लापरवाही : मरीज को दी गई एक्सपायरी दवा मरीज ने सोशल मीडिया पर मचाया बवाल*
यूथ एजेंडा
रिपोर्ट अनमोल कुमार
मुंगेर। बिहार में आम लोगों की सेहत एक बार फिर सवालों के घेरे में है। मुंगेर जिले के तारापुर अनुमंडलीय अस्पताल में एक मरीज को एक्सपायरी दवा दिए जाने का गंभीर मामला सामने आया है। इस आरोप के बाद अस्पताल प्रशासन ने जांच के आदेश दिए हैं, जबकि फार्मासिस्ट और प्रभारी उपाधीक्षक मामले को खारिज कर रहे हैं।
5 जुलाई को वंशीपुर निवासी राहुल कुमार सिंह अपनी पत्नी शबनम कुमारी का इलाज कराने अनुमंडलीय अस्पताल पहुंचे थे। राहुल का आरोप है कि ओपीडी में निबंधन के दौरान उनकी पत्नी का नाम गलत शाबरीन प्रवीण दर्ज किया गया। इसके बाद उसी पर्ची पर चिकित्सक ने दवा लिखी और दवा काउंटर से उन्हें कोलेकैल्सीफेरोल ग्रेन्यूल्स 60000 IU की दो पाउच दी गईं। जब राहुल ने दवा के पत्ते पर नजर डाली तो एक पाउच की एक्सपायरी जून 2024 की थी। उन्होंने दवा देने से मना किया और सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी साझा कर दी। पोस्ट वायरल होते ही स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया।
शबनम कुमारी ने बताया कि उन्हें अस्पताल से दी गई दवा देखकर डर लग गया, वहीं राहुल कुमार ने साफ कहा कि सरकारी व्यवस्था में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जा सकती।
इस मामले में अस्पताल की प्रभारी उपाधीक्षक डॉ. बिंदु कुमारी ने कहा कि मरीज द्वारा एक्सपायरी दवा देने की शिकायत की गई है। दवा काउंटर की जांच में यह बात सामने आई है कि मरीज को केवल एक दवा दी गई थी और एक्सपायरी दवा अस्पताल से नहीं दी गई है।
वहीं फार्मासिस्ट धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि मरीज को दो बार दवा दी गई और दोनों बार दी गई दवाओं की एक्सपायरी 2026 है। काउंटर पर कोई एक्सपायरी दवा उपलब्ध नहीं है, मरीज का आरोप निराधार है।
फिलहाल मामला विवादित बना हुआ है और अस्पताल प्रशासन इस पर जांच कर रहा है। सवाल यह है कि अगर मरीज की बात सही है तो जिम्मेदारों पर कब होगी कार्रवाई।
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