पत्रकार मुकेश चंद्राकर हत्याकांड में छत्तीसगढ़ में पांच ऑफिसर गिरफ्तार।
पत्रकार मुकेश चंद्राकर हत्याकांड में छत्तीसगढ़ में पांच ऑफिसर गिरफ्तार।
पीडब्ल्यूडी के अफसर में रचित थी हत्या की शाद
यूथ एजेंडा
(एस एन श्याम)
छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले का युवा पत्रकार मुकेश चंद्राकर की सनसनीखेज हत्या मामले में पुलिस ने
लोक निर्माण विभाग (PWD) के पांच अधिकारियों को गिरफ्तारी से हड़कम मच गया है
गिरफ्तार अधिकारियों में दो रिटायर्ड कार्यपालक अभियंता (EE), एक वर्तमान EE, एक SDO और एक सब-इंजीनियर शामिल हैं। सभी को दो दिन की न्यायिक रिमांड पर भेजा गया है ।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मुकेश चंद्राकर एक स्वतंत्र पत्रकार थे, जो बीजापुर जैसे नक्सल प्रभावित क्षेत्र में सक्रिय रहते हुए सड़क निर्माण में हुए भ्रष्टाचार का लगातार खुलासा कर रहे थे।
उन्होंने सोशल मीडिया और अपने वीडियो पोर्टल पर घटिया सड़क निर्माण कार्य को उजागर किया था। बताया जाता है कि इन रिपोर्टों से नाराज होकर ठेकेदार सुरेश चंद्राकर — जो खुद मुकेश का रिश्तेदार भी था — ने उनकी हत्या की साजिश रची। 3 जनवरी 2025 को उनकी लाश एक सेफ्टी टैंक से बरामद हुई थी। पुलिस ने इस हत्याकांड का मास्टरमाइंड सुरेश चंद्राकर को हैदराबाद से गिरफ्तार किया था। इसे रिमांड पर लेकर पूछ ताछ की गई तो मामले का खुलासा हुआ। पीडब्ल्यूडी के. बी. एल ध्रुव – तत्कालीन कार्यपालन अभियंता. ,आर.के. सिन्हा – SDO, जी.एस. कोडोपी – उप अभियंता को इस जगन हत्याकांड में अग्रिम जमानत मिल गई थी।
पुलिस ने आज डी.आर. साहू (सेवानिवृत्त कार्यपालन अभियंता). वी.के. चौहान (सेवानिवृत्त कार्यपालन अभियंता). एच.एन. पात्र – तत्कालीन कार्यपालन अभियंता प्रमोद सिंह कंवर – SDO बीजापुर एवं संतोष दास – उप अभियंता, जगदलपुर को गिरफ्तार किया
1 जनवरी 2025 को मुकेश चंद्राकर अपने घर से निकले और फिर वापस नहीं लौटे। 3 जनवरी को उनकी लाश एक बंद पड़े सेप्टिक टैंक से बरामद हुई थी।
बीजापुर ए एस पी चंद्रकांत गोवर्ना ने पुष्टि गिरफ्तारी की पुष्टि की है। इससे पहले राज्य के डिप्टी सीएम और लोक निर्माण मंत्री अरुण साव के निर्देश पर कुछ अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज की गई थी। एफआईआर में तत्कालीन EE बीएल ध्रुव, SDO आरके सिन्हा और उप अभियंता जीएस कोडोपी के नाम प्रमुख रूप से सामने आए थे।
मुकेश चंद्राकर बीजापुर में नक्सल क्षेत्रों की चुनौतियों के बीच सच्चाई की रिपोर्टिंग कर रहे थे। वह अक्सर खुद जोखिम उठाकर जमीनी हालात जनता के सामने लाते थे। सोशल मीडिया और वीडियो पोर्टल के माध्यम से वे घटिया सड़क निर्माण जैसे मामलों पर आवाज उठा रहे थे, जिससे वे ठेकेदारों और भ्रष्ट अफसरों के निशाने पर आ गए थे।मुकेश चंद्राकर हत्याकांड की BSPS ने थी कार्रवाई की मांग की थी
भारती श्रमजीवी पत्रकार संघ के पूर्व राष्ट्रीय सचिव एस एन श्याम, इंडियन फेडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुधांशु कुमार सतीश aur बिहार प्रेस मेंस यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष अनमोल, ई बीएसपीएस के बिहार प्रदेश अध्यक्ष कुमार निशांत
, उपाध्यक्ष राज किशोर सिंह इत्यादि ने छत्तीसगढ़ खासकर बीजापुर पुलिस को इसके लिए आभार व्यक्त किया है।
इन पत्रकार संगठनों के नेताओं ने तमाम गिरफ्तार अफसर को स्पीडी ट्रायल चला कर सख्त से सख्त सजा देने की मांग की है।
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