हिंदी दिवस -एक हिंगलिश गाथा

यह एक व्यंगात्मक हास्य काव्य है जो उन लोगों को समर्पित है जो हिंदी दिवस पर हिंदी को अंग्रेज़ी के साथ मिलाकर "हिंग्लिश" बना देते हैं.

हिंदी दिवस: एक 'हिंग्लिश' गाथा

हैप्पी हिंदी डे! सब ने बोला,
यह सुनकर मन मेरा थोड़ा डोला।
'हिंदी डे' क्यों, क्या 'दिवस' नहीं था?
क्या अपनी भाषा का अब बस नहीं था?
यह बात यहीं तक नहीं रुकी,
आगे और भी कॉमेडी घुसी।
"Let's celebrate our rajbhasha,"
"Please share a Hindi poem on this occasion,"
यह सुनकर, हे प्रभु, यह क्या फैशन?
क्या अपनी बोली अब out of fashion?
"I have so much respect for my language,
it is so rich and beautiful,"
मगर इसे बोलने में, तुम क्यों हो ashamed?
क्या हिंदी का व्याकरण, अब तुमसे है detached?
"My dear friends, Hindi is our mother,"
फिर क्यों बोलते हो, "ये मेरा brother?"
क्यों हिंदी की जगह, English का ढोंग?
लगता है, तुमको इसका, है ही नहीं कोई belong।
'Thanks for your wishes', 'Same to you',
इतनी सी बात भी, हिंदी में नहीं हुई।
'आपका बहुत-बहुत आभार', 'आपको भी शुभ हो',
क्या ये शब्द, अब तुम्हें हैं obsolete लग रहे?
अरे भाई, हिंदी दिवस है,
अंग्रेजी का नहीं कोई टेस्ट है।
थोड़ा तो सम्मान करो,
अपने शब्दों पर ही, थोड़ा तो ध्यान करो।
क्या बिगाड़ा है हिंदी ने तुम्हारा?
क्यों ऐसे mix कर दिया,
बन गया एक नया, weird सा, hybrid बेचारा।
So, happy Hindi day!
"जय हिंद," पर by the way,
अगले साल से, थोड़ा कोशिश करना,
पूरा-पूरा हिंदी में, 'हिंदी दिवस' मनाना।

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