गांव से बदलता बिहार: नींव मज़बूत, भविष्य उज्ज्वल


“गांव से बदलता बिहार: नींव मज़बूत, भविष्य उज्ज्वल


यूथ एजेंडा से रघुवीर की रिपोर्ट

बिहार के ग्रामीण कार्य मंत्री श्री अशोक चौधरी ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि बिहार आज परिवर्तन के उस मोड़ पर खड़ा है जहाँ से वह केवल इतिहास नहीं बना रहा, बल्कि भविष्य को आकार भी दे रहा है। यह बदलाव किसी एक दिन का नहीं, बल्कि दो दशकों के दूरदर्शी नेतृत्व, नीति-संचालित कार्यों और केंद्र-राज्य समन्वय का परिणाम है। इस ऐतिहासिक विकास यात्रा में सबसे बड़ी भूमिका बिहार के यशस्वी मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी की रही है, जिन्होंने वर्ष 2005 से अब तक शासन में पारदर्शिता, जवाबदेही और विकास को प्राथमिकता देते हुए बिहार को एक पिछड़े राज्य की छवि से उबारकर विकासशील राज्यों की अग्रणी पंक्ति में ला खड़ा किया।

मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी के नेतृत्व में बिहार ने हर क्षेत्र में तुलनात्मक रूप से अभूतपूर्व प्रगति की है। जहाँ वर्ष 2005 में राज्य की बिजली आपूर्ति क्षमता मात्र 700 मेगावाट थी, वहीं आज यह 8,005 मेगावाट हो चुकी है। ग्रामीण विद्युतीकरण 22% से बढ़कर 100% तक पहुँच चुका है। इसी तरह, ग्रामीण सड़कों से जुड़ी पंचायतों का अनुपात 39% से बढ़कर 98% तक पहुँच गया है। यह कोई सामान्य उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह ग्रामीण भारत में बुनियादी ढाँचे के निर्माण की एक मिसाल है। प्रति व्यक्ति आय ₹7,914 से बढ़कर ₹58,971.72 तक पहुँच गई है — जो यह दर्शाता है कि आर्थिक समावेशन अब ज़मीनी हकीकत बन चुका है। बालिका शिक्षा, शौचालय निर्माण और जल-से-स्वास्थ्य तक की बुनियादी सेवाओं में बिहार आज राष्ट्रीय औसत के आसपास पहुँच चुका है।

श्री चौधरी ने कहा कि ग्रामीण कार्य विभाग की भूमिका इस बदलाव में केन्द्रीय रही है। मुख्यमंत्री ग्राम सम्पर्क योजना, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना और राज्य सड़क रखरखाव नीति के माध्यम से हमने लाखों गाँवों को सड़क नेटवर्क से जोड़ा है। हमारी प्राथमिकता सिर्फ सड़क बनाना नहीं, बल्कि सतत और गुणवत्ता युक्त कनेक्टिविटी देना है — ताकि गांवों को शिक्षा, स्वास्थ्य, रोज़गार और बाजारों से जोड़ा जा सके। इस दृष्टिकोण का ही परिणाम है कि बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में पलायन की प्रवृत्ति घटी है और स्थानीय संसाधनों पर आधारित विकास मॉडल उभरा है।

केंद्र सरकार, विशेष रूप से माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का बिहार के प्रति जो दृष्टिकोण रहा है, वह सराहनीय और प्रेरणास्पद है। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत बिहार में अब तक लगभग 61000 किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत अब तक 48 लाख से अधिक घर स्वीकृत किए गए हैं। भारतनेट योजना से ग्राम पंचायतें ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क से जुड़ रहीं हैं, जिससे डिजिटल भारत की नींव गांवों में रखी जा रही है। AIIMS दरभंगा, पांच नए मेडिकल कॉलेज, गंगा नदी पर 6-लेन पुल और रेलवे में ₹29,945/- करोड़ से अधिक का निवेश इस बात का प्रमाण है कि प्रधानमंत्री जी बिहार को पूर्वी भारत का आर्थिक और सामाजिक इंजन बनाना चाहते हैं।

यह दौरा केवल परियोजनाओं का लोकार्पण नहीं, बल्कि राज्य और केंद्र के बीच एक सशक्त सहयोगात्मक साझेदारी का प्रतीक है।

श्री चौधरी ने आगे कहा, ग्रामीण कार्य मंत्री के रूप में, मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी के नेतृत्व को नमन करता हूँ और प्रधानमंत्री जी का आभार व्यक्त करता हूँ कि उन्होंने बिहार के विकास को राष्ट्रीय प्राथमिकताओं में शीर्ष स्थान पर रखा है। हमारा विश्वास है कि यदि गाँव सशक्त होंगे, तो बिहार समृद्ध होगा — और बिहार के समृद्धि के बिना भारत का विकास अधूरा है। ग्रामीण कार्य विभाग इस विश्वास को ज़मीनी सच्चाई में बदलने के लिए संकल्पित है।

गाँव अब विकास की परिधि पर नहीं, बल्कि केंद्र में हैं। यही हमारी सोच है, यही हमारा प्रयास है।

मंत्री श्री अशोक चौधरी ने अंत में कहा कि बिहार की यह यात्रा सिर्फ योजनाओं की नहीं, बल्कि दूरदृष्टि और समर्पण की कहानी है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी के सुशासन की मजबूती और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के राष्ट्रीय दृष्टिकोण का परिणाम है कि बिहार अब ‘विकसित भारत 2047’ के सपने को साकार करने की दिशा में अग्रसर है।

गांव अब बिहार के विकास की धड़कन हैं — और यही ग्रामीण कार्य विभाग का मिशन है।

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