पंचगव्य नासिका औषधि बनाने के तरीके और विभिन्न रोग में फायदे*

*पंचगव्य नासिका औषधि बनाने के तरीके और विभिन्न रोग में फायदे* प्रस्तुति - अनमोल कुमार (१)घी : 100 मिलीलीटर (२)10 मिलीलीट नया (ताजा) गोमूत्र : (३)10 मिलीलीटरगोमय रस : (४)10 मिलीलीटर दूध : (५)10 मिलीलीटर छाछ : *बनाने की विधि?* यह औषधि सूर्य चूल्हे पर (सोलर कुकर में) शीघ्र बनती है परंतु वह न हो, तो कड़ी धूप में परात रखकर औषधि बनाएं ।स्टील की परात में घी लेकर उसे धूप में रखें । उस पर बारिक छिद्र वाली जाली ढकें ।घी पिघल जाने पर ढक्कन हटाएं और उसमें छाछ मिलाकर पुनः जाली से ढक दें ।सूर्य की उष्णता से मिश्रण से पानी का अंश वास्प बनकर उड़ने लगता है ।मिश्रण से पानी का अंश निकल गया है इसकी आगे दिए अनुसार जांच करें । मिश्रण में कपास की बत्ती डूबा कर जलाएं । जब बत्ती बिना ध्वनी के जले, तब समझ लें कि पानी निकल गया है । बत्ती चट चट की ध्वनी के साथ जले, तो पानी अभी बचा है, यह समझ कर मिश्रण से पानी निकलने तक उसे कड़ी धूप में रखीए ।पानी का अंश पूर्णतः निकलने में कभी-कभी एक से अधिक दिन लगते हैं । ऐसे में रात में परात में ओस न पड़े, इसके लिए परात पर ढक्कन रखें ।मिश्रण से पानी ...